वीडियो जानकारी: 16.09.24, गीता समागम, ग्रेटर नॉएडा
चालू लोगों के लिए (ठहाका विशेष) || आचार्य प्रशांत (2024)
📋 Video Chapters:
0:00 - Intro
2:20 - चालाकी को पहचानना
9:12 - आत्म-आवलोकन
18:05 - अहंकार की चालाकी
31:17 - दूसरों को नहीं, खुद को ही ठग रहे हैं
41:03 - चालू लोगों के लाक्षण
50:35 - ज्ञान का स्पर्श और संसारी
1:00:59 - समापन
विवरण:
इस वीडियो में आचार्य जी ने आत्म अवलोकन (Self-Observation) और चालाकी के विषय में गहराई से चर्चा की है। उन्होंने बताया कि कैसे हम अपने भीतर की चालाकियों को पहचान सकते हैं और अपने इरादों को समझ सकते हैं। वीडियो में कई उदाहरणों के माध्यम से यह समझाया गया है कि हम अक्सर अपने स्वार्थ के लिए खुद को धोखा देते हैं और अपनी वास्तविक इच्छाओं को छिपाते हैं।
आचार्य जी ने यह भी बताया कि आत्म अवलोकन का अर्थ केवल अपने कार्यों को देखना नहीं है, बल्कि यह समझना भी है कि हम क्यों कर रहे हैं और हमारे इरादे क्या हैं। उन्होंने उदाहरणों के माध्यम से यह स्पष्ट किया कि कैसे हम अपनी चालाकियों को पकड़ सकते हैं और अपने भीतर की सच्चाई को पहचान सकते हैं।
वीडियो में हास्य और व्यंग्य का भी उपयोग किया गया है, जिससे दर्शकों को यह समझाने में मदद मिलती है कि जीवन में हम कितनी बार खुद को और दूसरों को ठगते हैं। आचार्य जी ने यह भी कहा कि असली ज्ञान वही है जो हमें ठगने से बचाता है और हमें सच्चाई की ओर ले जाता है।
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#acharyaprashant
प्रसंग:
~ क्या चालाकी अच्छी बात है?
~ हमारा बंधन क्या है?
~ सरलता क्या है?
~ आत्म-अवलोकन क्या है?
~ आत्म-अवलोकन ही मनुष्य को मनुष्य बनाता है, नहीं तो हम जानवर ही हैं।
~ सरल काम क्या है?
~ वास्तविक हित क्या है?
संगीत: मिलिंद दाते
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फ़िल्म:
रन (2004)
जोड़ी नंबर 1 (2001)
हेरा फेरी (2000)
अंदाज़ अपना अपना (1994)
शोले (1975)
कुली (1983)
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